Saturday, December 27, 2008

मोहब्बत एक अंदाज़-ऐ-बयां

यहाँ किसी को दौलत की, तो किसीको शोहरत की चाहत है॥
यहाँ वो लोग रहते हैं, जिन्हें जरूरत से मोहब्बत है॥
"विश्वजीत" तू यहाँ किसको ढूंढता है॥
तेरी मोहब्बत की यहाँ ना किसीको जरूरत है॥
तू प्रेम के बदले वहाँ पर प्रेम पाना चाहता है॥
जहाँ प्रेम की हर रोज़ परिभाषा बदलती है॥
यहाँ प्रेम आत्मा से नही, शान-ओ-शौकत से होता है॥
हर रोज़ प्रेम की यहाँ नीयत बदलती है॥
यहाँ तू प्रेम के काबिल नही, ये दिल लगाना छोड़ दे॥
ये होशियारों की दुनिया है, यहाँ दिलों में सफाई ढूंढ़ना छोड़ दे॥
यहाँ पर किससे तू अपना दिल लगायेगा॥
कौन है जो तेरे प्रेम की परिभाषा, यहाँ पर समझ पायेगा॥
ये मस्तानो की दुनिया है, यहाँ इक दिल्लगी है मोहब्बत॥
"विश्वजीत" तू यहाँ मोहब्बत की परिभाषा बताना छोड़ दे॥